जब भी हम नेटवर्किंग या इंटरनेट से जुड़े किसी भी डिवाइस की बात करते हैं, तो दो शब्द सबसे ज़्यादा सुनने को मिलते हैं — MAC Address और IP Address। ये दोनों ही डिवाइस की पहचान (Identification) के लिए जरूरी होते हैं लेकिन इनका काम, जगह और उद्देश्य अलग होता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि MAC Address और IP Address में क्या अंतर है, ये कैसे काम करते हैं और इनके क्या उपयोग हैं।
📡 MAC Address क्या होता है?
MAC (Media Access Control) Address एक हार्डवेयर एड्रेस होता है जो हर नेटवर्क डिवाइस (जैसे लैपटॉप, मोबाइल, Wi-Fi कार्ड, नेटवर्क कार्ड आदि) को यूनिक रूप से पहचानने के लिए दिया जाता है। इसे डिवाइस की फैक्ट्री में ही स्थायी रूप से प्रोग्राम किया जाता है और इसे बदला नहीं जा सकता।
यह 48-bit का address होता है जिसे 6 जोड़ी हेक्साडेसिमल नंबरों के रूप में लिखा जाता है, जैसे – 00:1A:2B:3C:4D:5E
🔑 MAC Address के विशेषताएँ:
- स्थायी (Permanent) होता है
- हार्डवेयर से जुड़ा होता है
- डेटा लिंक लेयर (Layer 2) पर काम करता है
- एक ही डिवाइस के लिए हमेशा एक जैसा रहता है
- नेटवर्क के अंदर devices को uniquely पहचानने में मदद करता है
🌐 IP Address क्या होता है?
IP (Internet Protocol) Address एक लॉजिकल एड्रेस होता है जो किसी डिवाइस को नेटवर्क या इंटरनेट पर अस्थायी रूप से दिया जाता है ताकि वह दूसरे डिवाइस के साथ communication कर सके।
यह एड्रेस वर्चुअल होता है और इसे बदला जा सकता है। IP Address दो प्रकार के होते हैं: IPv4 (जैसे 192.168.1.1) और IPv6 (जैसे 2001:0db8:85a3::8a2e:0370:7334)।
🔍 IP Address के विशेषताएँ:
- नेटवर्किंग लेवल पर communication के लिए उपयोग होता है
- अस्थायी (Temporary) या स्थायी (Static) हो सकता है
- Layer 3 यानी Network Layer पर कार्य करता है
- IP Address को ISP या नेटवर्क राउटर द्वारा दिया जाता है
- इंटरनेट पर डिवाइस की पहचान में सहायक
📊 MAC Address और IP Address में मुख्य अंतर
| मापदंड | MAC Address | IP Address |
|---|---|---|
| पूरा नाम | Media Access Control Address | Internet Protocol Address |
| प्रकार | हार्डवेयर एड्रेस | लॉजिकल एड्रेस |
| परत (Layer) | Data Link Layer (OSI Layer 2) | Network Layer (OSI Layer 3) |
| स्थायित्व | Permanent (डिवाइस में hardcoded) | Changeable (Dynamic या Static) |
| उपयोग | Local Network में डिवाइस को पहचानने के लिए | इंटरनेट या नेटवर्क में communication के लिए |
| उदाहरण | 00:1A:2B:3C:4D:5E | 192.168.1.1 (IPv4), 2001:db8::1 (IPv6) |
| निर्धारण | मैन्युफैक्चरर द्वारा | नेटवर्क एडमिन/ISP द्वारा |
🔁 MAC और IP कैसे मिलकर काम करते हैं?
जब आप किसी वेबसाइट को ओपन करते हैं, तो आपका IP Address उस request को इंटरनेट तक पहुंचाता है। परन्तु जब डेटा packet आपके नेटवर्क में आता है, तो MAC Address यह सुनिश्चित करता है कि वह सही डिवाइस तक पहुंचे। इस प्रक्रिया में ARP (Address Resolution Protocol) का इस्तेमाल होता है जो IP को MAC में translate करता है।
🧪 कैसे पता करें अपना MAC और IP Address?
Windows में: Command Prompt खोलें और `ipconfig /all` टाइप करें।
Linux/Mac में: Terminal खोलें और `ifconfig` या `ip a` कमांड चलाएं।
🔐 सुरक्षा में MAC और IP का रोल
- MAC Address को spoof किया जा सकता है, इसलिए Wi-Fi सिक्योरिटी में इसका ध्यान रखना चाहिए।
- IP Address बदलने से privacy बढ़ सकती है लेकिन ट्रैकिंग में समस्या आ सकती है।
- MAC Filtering से आप सीमित डिवाइस को नेटवर्क एक्सेस दे सकते हैं।
📚 MAC और IP सीखने के लिए टॉप Resources
- Books: Computer Networks by Andrew S. Tanenbaum
- Online Platforms: NPTEL, Coursera, Udemy
- YouTube: Networking tutorials in Hindi
- Practice Labs: Cisco Packet Tracer, GNS3
🏁 निष्कर्ष
MAC Address और IP Address दोनों ही नेटवर्किंग की रीढ़ हैं। एक local identification के लिए जरूरी है जबकि दूसरा global communication के लिए। दोनों का काम अलग है लेकिन इंटरनेट की कार्यप्रणाली इन्हीं के सही समन्वय पर निर्भर करती है। अगर आप नेटवर्किंग या साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो इन दोनों के बीच का अंतर समझना बहुत जरूरी है।